Sunday, January 3, 2016

Desh ke Laal देश के लाल

चिता अभी तक जली नहीं, फूल अभी तो ताज़े हैं।
वो तो वतन पर मर मिटे, अब विश्लेषण आतें हैं।।

कोई नेता घर जायेगा, कोई गा गा शोक जताएगा।
टीवी पर फिर चर्चा होगी, विशेषज्ञ राय सुनाएगा।।

सोशल मीडिया पर फ़ोटो पर, लाइक खूब लगाते हैं।
बिस्तर पर पजामा पहने, देशभक्त बड़े दिलवाले हैं।।

मत रोना ऐ जाने वाले, देख ऊपर से इस देश का हाल।
हम नहीं कहलाने लायक, तुम ही हो सच्चे देश के लाल।।